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सितंबर, 2021 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

Name Of Dhatura In Different Languages ? अन्य भाषाओं में धतूरा के नाम

  धतूरे का पौधे का परिचय धतूरा एक विषैले घटक के रूप में जाना जाता है लेकिन फिर भी धतूरा के फायदे होते हैं। भारत में धतूरा का उपयोग विभिन्‍न प्रकार की स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍याओं को दूर करने के लिए उपयोग किया जाता है। हालांकि धतूरा का आ‍ध्‍यात्मिक महत्‍व भी होता है। इसे शिवजी की पूजा में उपयोग किया जाता है। औषधीय गुणों से भरपूर होने के कारण धतूरा के सबसे महत्वपूर्ण स्वास्थ्य लाभों में अस्थमा को दूर करने, बुखार को कम करने, दिल की रक्षा, दर्द को खत्म करने, प्रजनन क्षमता बढ़ाने, बालों के स्वास्थ्य को बढ़ावा देने, स्वस्थ नींद को प्रेरित करने और प्रसव पीड़ा को कम करने की क्षमता शामिल है। धतूरा एक मादक या नशीला खाद्य पदार्थ होता है। जिसका औषधीय उपयोग करने पर लाभ होते हैं। लेकिन आवश्‍यकता से अधिक इस्‍तेमाल करने पर यह हानिकारक भी हो सकता है। धतूरे का पौधा हमारे  सारे भारत देश में हर जगा पर आसानी से मिल जाएगा, धतूरा एक पादप है इसका पौधा 3 से 4 फुट ऊँचा होता है। इसकी पत्तिया 6 से 7 इंच लम्बा आगि से नुकीली होता है धतूरा सफेद, काला, नीला, पीला तथा लाल फूल वाला 5 जातियों का मिलता है इसके फल हरे र...

Name Of Dhatura In Different Languages ? अन्य भाषाओं में धतूरा के नाम

  धतूरे का पौधे का परिचय धतूरा एक विषैले घटक के रूप में जाना जाता है लेकिन फिर भी धतूरा के फायदे होते हैं। भारत में धतूरा का उपयोग विभिन्‍न प्रकार की स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍याओं को दूर करने के लिए उपयोग किया जाता है। हालांकि धतूरा का आ‍ध्‍यात्मिक महत्‍व भी होता है। इसे शिवजी की पूजा में उपयोग किया जाता है। औषधीय गुणों से भरपूर होने के कारण धतूरा के सबसे महत्वपूर्ण स्वास्थ्य लाभों में अस्थमा को दूर करने, बुखार को कम करने, दिल की रक्षा, दर्द को खत्म करने, प्रजनन क्षमता बढ़ाने, बालों के स्वास्थ्य को बढ़ावा देने, स्वस्थ नींद को प्रेरित करने और प्रसव पीड़ा को कम करने की क्षमता शामिल है। धतूरा एक मादक या नशीला खाद्य पदार्थ होता है। जिसका औषधीय उपयोग करने पर लाभ होते हैं। लेकिन आवश्‍यकता से अधिक इस्‍तेमाल करने पर यह हानिकारक भी हो सकता है। धतूरे का पौधा हमारे  सारे भारत देश में हर जगा पर आसानी से मिल जाएगा, धतूरा एक पादप है इसका पौधा 3 से 4 फुट ऊँचा होता है। इसकी पत्तिया 6 से 7 इंच लम्बा आगि से नुकीली होता है धतूरा सफेद, काला, नीला, पीला तथा लाल फूल वाला 5 जातियों का मिलता है इसके फल हरे र...

गोखरू का परिचय और अन्य भाषाओं में गोखरू के नामो की जानकारी

  गोखरू का परिचय गोखरू का इस्तेमाल  औषधि के स्वरूप में हमारे देश में कई सालों से किया जाता है इसका उपयोग खासकर वात, पित्त और कफ के इलाज के लिए किया जाता है इसका वानस्पतिक नाम ट्रिबुलस टेरेस्ट्रिस (Tribulus Terrestris) है और इसका अंग्रेजी में डेविल्स् थोर्न (Devil’s Thorn) हैं यह जीगोफिलसी परिवार से संबंधित है मूल स्वरूप से यह वनस्पति भारत में उत्पन्न हुई है यह मानी जाती है व्यापक रूप से भारत और अफ्रीका के साथ साथ एशिया मध्य पूर्व और यूरोप के कुछ हिस्सों में भी इसे पाया जाता है इंटरनेशनल जर्नल ऑफ होम साइंस के अनुसार ट्रिबुलस टेरेस्ट्रिस के विभिन्न भागों में कई रासायनिक घटक होते हैं जिनमें क्यूरेटिव और पोषक तत्व पाए जाते हैं इसकी पत्तियों में कैल्शियम कार्बोनेट आयरन प्रोटीन आदि होते हैं जो हड्डियों को मजबूत बनाने में सहायक होते हैं गोक्षुरा पौधे के बीज में फैट और प्रोटीन की भरपूर मात्रा होती है और इसके फल में ओलिक एसिड स्टीयरिक एसिड और ग्लूकोज की अच्छी मात्रा पाई जाती है यह पौधा कई शारीरिक बीमारियों के साथ ही स्‍किन और बालों की सेहत के लिए भी काफी लाभकारी माना जा सकता है गोखरू क...

बाघ नखी,हाथाजोड़ी,बाघनख,उलट-कांटा या बिच्छू बूटी परिचय और फायदे

  बाघ नखी,हाथाजोड़ी,बाघनख,उलट-कांटा या बिच्छू बूटी का परिचय दोस्तों आज के वनस्पति इतनी जबरदस्त और खास है की आप देखते ही चौक जाएंगे दोस्तों यह वनस्पति देखने में विचित्र मगर अद्भुत वनस्पति है हमारेदेश के ज्यादातर लोगों इस वनस्पति को बाघ नखी कहते हैं हिंदी भाषा में इसे बाघनखी कहते हैं इसके फल बिच्छू के आकर जैसा होता है और इसे तोड़ना बहुत मुश्किल होता है यूट्यूब और कई सारी वेबसाइट ओपन इसकी कई सारी जानकारी मिल जाएगी कि यह हाथाजोडी जोड़ी का है मगर एकिन इसकी जड़ों में हाथाजोडी बिलकुल नहीं होती है इसको अलग-अलग प्रांतों में अलग-अलग नामों से जाना जाता है आप इस वनस्पति को किस नाम से जानते हैं हमें कमेंट जरूर कीजिएगा और नामों की जानकारी के लिए इस पेज को पूरा पढ़िए। यह पौधा 1 से 4 फिट तक सीधा बढ़ता है और वर्षा ऋतु में बारिश होने के साथ ही अपने आप हो जाता है यह पौधा बंजर और खाली पड़ी जमीनों पर और पहाड़ी और जंगलों में अपने आप उठ जाता है और सड़क के दोनों साइड पर आपको देखने को मिल जाएगा किस पौधे के पत्ते बड़े बड़े होते हैं और इसके फूल 1 से 3तक लंबा होता है और इसके फूलों में हल्के गुलाबी रंग के होता...

Hathajodi, hathjodi, Baghanakhi, Baghnakh ke namo Jankari

  बाघनख या बघनखी या फिर बाघनखी ऐसे भिन्न नमो जाना जाता है आज मैं आपको इसकी पहचान कैसे करनी है और इसके नमो की जानकारी देने वाला हूं बाघनख या बाघनखी या फिर बघनखी नाम से जाने वाला एक आयुर्वेदिक पौधा है आज मैं आपको इसके नाम के बारे में जानकारी देने वाला हूं की किस भाषा में किस नाम से जाना जाता है बघनखी का पौधा बरसात के मौसम में बरसात होने के साथ उग आता है और सर्दी के मौसम आते आते सुख जाता है इसके फुल टूट कर जमीन पर गिर जाता है और उसमें से एक भूरा या काले रंग का एक बड़ा सा बीज निकलता है इस बीज का आकार बाघ के मुड़े हुऐ नाखून जैसा दिखता है इसलिए इसे बाघनखी या बघनखी या बाघनख कहते है अब थोड़ी इसके पोधे के बारे में जानकारी देता हूं  इसके पत्ते बड़े और रोएदार होते है कुछ लोग बघनखी पौधे को हाथाजोडी , हथजोड़ी का पौधा बोलकर लोगों के मन में भ्रम फैलते हैं हाथाजोड़ी के नाम से जो चीज बाजार में महंगे दामों में बेच रहे हैं वो चीज मॉनिटर लिज़र्ड का जननांग और जब इस पर वैज्ञानिकों ने रिसर्च किया तो पता चला कि ये तो मॉनिटर लिज़र्ड जननांग है और इस के चक्कर में मारी जा रही है और इस के चक्कर में हमा...

सुबाह कच्चा लहसुन खाने से किन बीमारियों से बचा जा सकता है

  सुबह सुबह खाली पेट कच्चा लहसुन खाने से होने वाले फायदों को जानकर आप चौक जाओगे । लहसून की इंडियन कल्चर मैं बहुत ही अहम भूमिका है लहसुन में ऐसे गुण है कि हमारी सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है लहसुन की जड़ कड़वी पत्ते तीखे टेस्ट नमकीन बीज मीठा और रस से भरा हुआ होता है आंतों में जमा हुए कीटाणु भी इसका सेवन करने से खत्म हो जाते हैं हर घर में उपयोग किए जाने वाली लहसुन सब्जी का स्वाद  बढ़ाता है इसके साथ साथ हमारी कई सारी बीमारियों को भी खत्म कर देता है मगर ध्यान में रखने वाली बात यह है कि लहसून का इस्तेमाल कैसे करना है और किस समय इसका इस्तेमाल करने से हम को सबसे ज्यादा फायदा होने वाला है यह जानना बहुत जरूरी है लहुसुन एंटीवायरल,एंटीफंगल, एंटीऑक्सीडेंट और एंटीबैक्टीरियल गुणों से भरपूर है और इन्हीं सारे गुणों से इसका स्वाद कड़वा होता है लेकिन एक बात आप जान लीजिए कि इन्हीं सारे गुणों की वजह से लहसुन एक असरदार औषधि है लेकिन यही सारे गुण लहसून को एक असरदार एक औषधि बनाकर हमको बीमारी से दूर रखने में मदद करते हैं तो चलिए जानते हैं कि सुबह-सुबह खाली पेट लहसुन खा लेने से हमें किन किन बीमारियों ...

Kaccha lahsun khane ke fayde

 क्या आप जानते सुबह खाली पेट कच्चा लहसुन खाने से क्या फायदे होते हैं ? और कितनी सारी बीमारियों से बच सकते हो ? 1.तो आज मैं आपको यह बताऊंगा कि कि सुबह खाली पेट कच्चा लहसुन क्यों खाना चाहिए । और यह आपको किन किन बीमारियों से बचाएगा । 2.किन कंडीशन में कच्चा लहसुन बिल्कुल नहीं खाना चाहिए । और क्यों नहीं खाना चाहिए । 3.और कच्चा लहसुन किस समय और कैसे खाना चाहिए । ताकि इसका पूरा फायदा आपको मिल सके । इसीलिए इस पेज को पूरा पढ़िए । सर्दी के मौसम में आप भी सर्दी जुकाम से परेशान रहते हैं तो इसका इलाज कच्चा लहसुन में छुपा हुआ है क्योंकि लव सॉन्ग में एंटी बैक्टीरियल और एंटीवायरल प्रॉपर्टी होती है जिसकी वजह से सर्दी जुकाम में आराम मिलता है और हर रोज कच्चा लहसुन खाने से शरीर में गर्मी बढ़ती है जिसकी वजह से सर्दियों के मौसम में ठंड कम लगती है । जिन लोगों के पेट में गैस और ऐसी बहुत ज्यादा बनते हैं उन लोगों को कच्चा लहसुन खाना चाहिए । रोशन को कच्चा खाने से पेट की बीमारी दूर होती है और उसके साथ पेट के कीटाणुओं को मार देता है। जिससे आपकी भूख बढ़ती है ज्यादातर कीटाणुओं की प्रॉब्लम बच्चों को होती है और बच...