बाघ नखी,हाथाजोड़ी,बाघनख,उलट-कांटा या बिच्छू बूटी का परिचय
दोस्तों आज के वनस्पति इतनी जबरदस्त और खास है की आप देखते ही चौक जाएंगे दोस्तों यह वनस्पति देखने में विचित्र मगर अद्भुत वनस्पति है हमारेदेश के ज्यादातर लोगों इस वनस्पति को बाघ नखी कहते हैं हिंदी भाषा में इसे बाघनखी कहते हैं इसके फल बिच्छू के आकर जैसा होता है और इसे तोड़ना बहुत मुश्किल होता है यूट्यूब और कई सारी वेबसाइट ओपन इसकी कई सारी जानकारी मिल जाएगी कि यह हाथाजोडी जोड़ी का है मगर एकिन इसकी जड़ों में हाथाजोडी बिलकुल नहीं होती है इसको अलग-अलग प्रांतों में अलग-अलग नामों से जाना जाता है आप इस वनस्पति को किस नाम से जानते हैं हमें कमेंट जरूर कीजिएगा और नामों की जानकारी के लिए इस पेज को पूरा पढ़िए।
यह पौधा 1 से 4 फिट तक सीधा बढ़ता है और वर्षा ऋतु में बारिश होने के साथ ही अपने आप हो जाता है यह पौधा बंजर और खाली पड़ी जमीनों पर और पहाड़ी और जंगलों में अपने आप उठ जाता है और सड़क के दोनों साइड पर आपको देखने को मिल जाएगा किस पौधे के पत्ते बड़े बड़े होते हैं और इसके फूल 1 से 3तक लंबा होता है और इसके फूलों में हल्के गुलाबी रंग के होता है इसमें गुलाबी रंग की छाए होती है इश्क के गुलाबी रंग का फूलों का आकार भी विचित्र होता है इसके फूलों में से उग्र गंध निकलती है इश्क के फूल झुमको में लगते हैं और जमीन तक मुड़े हुए रहते हैं फूलों के बाद इसको फल लगते हैं जो हरे रंग का होता है जिसका आकार मुस्तीका की तरह होता है इश्क के फल कच्ची अवस्था में हरे रंग के होते हैं और ज्यादातर हवा में झूलते रहते हैं जब इसके फल बिल्कुल सूख जाते हैं तब इसका ऊपर का आवरण टूट जाता है तब इसका आकार एकदम बिच्छू की तरह दिखता है इसीलिए इसको बिच्छू कटा भी कहा जाता है इसी के फल सूखने के बाद एकदम सख्त हो जाते हैं
कुछ लोगों का ऐसा मानना है कि इस पौधे की जड़ों में हाथाजोड़ी होती है मगर ऐसा बिल्कुल भी नहीं है पहले के जमाने में लोग इसको जूतों के नीचे रखा करते थे जिसके कारण जूतों में से एक प्रकार की आवाज निकलती थी इसको जूतों में लगाने के 2 फायदे थे पहला तो उसको जूतों में लगाने से रात को चलते समय इसमें से एक प्रकार की आवाज निकलती थी जिसके कारण सांप बिच्छू जैसे जनावर हमारे नजदीक नहीं आते थे और दूसरा फायदा यह है कि जूतों में इसके फल को रखने से इसमें से एक प्रकार की गंध निकलती थी जिसके कारण जूतों में सांप बिच्छु जैसे जनावर अंदर घुसते नहीं थे
बाघ नखी,हाथाजोड़ी,बाघनख,उलट-कांटा या बिच्छू बूटी अलग अलग भाषा में नमो की जानकारी
Common name: Devil's Claws, Tiger's Claw, Iceplant
Sanskrit: काकनसा Kakanasa
English: Martynia Annua
Hindi: बाघनख Baghnakh, हाथाजोड़ी Hatha-Jodi, उलट-कांटा Ulat-Kanta
Gujarati: વિછુડો Vichhudo
Panjabi: Kaktundi, Bichu, Hathajari
Telugu: గరుడముకు Garudamukku, Telukondi తేలుకొండి, Gaddamala గద్దమాల,
Bengali: বাঘনখী Baghnakhi
Tamil: புலிநகம் Puli-Nakam, தேட்கொடுக்கி Tet-Kotukki
Kannada: ಗರುಡ ಮೂಗು ಮುಳ್ಳು Garuda Mugu Mullu, ಹುಲಿ ನಖ Huli Nakha, ಹುಲಿ ಉಗುರು Huli Uguru
Oriya: ବାଘନଖି Baghanakhi
Malayalam: പുലിനഖം Puli-Nakham
Nepalese: बिरालो-नङ्ग्रि Biralo-Nangri, ग्रिध्दरनंकी Gridharnankee
Marathi: विंचू Vinchu
Russian: Мартиния, Martiniya
बाघ नखी,हाथाजोड़ी,बाघनख,उलट-कांटा या बिच्छू बूटी फायदे
दोस्तों इस पौधे की पत्तियों में एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं इसकी पत्तियों को पीसकर रस निकालकर दाग दाद खाज और खुजली लगाने से आराम मिलता है
बिच्छू के लगे हुए दंगों पर इसकी पत्तियों का रस लगाया जाता है
दोस्तों इश्क के फलों में से पाताल यंत्र से तेल निकाला जाता है इस तेल का इस्तेमाल करने से कई सारे चर्म रोग खत्म हो जाते हैं
दोस्तों अगर आपको पैरों में सूजन हुई है तो इसके फलों का काढ़ा बनाकर पीने से पैरों की सूजन धीरे-धीरे खत्म हो जाती है
इसके अलावा यूरिक एसिड की प्रॉब्लम है तो इसकी पत्तियों का काढ़ा बनाकर पीने से जल्दी फायदा मिलता है
कानों के सभी प्रकार के रोग ठीक करने के लिए जेसे की कान में दर्द होना, कानों में फंगस हो जाना, कानों में इंफेक्शन हो जाना, कानों में मवाद आना या दर्द होना इन सभी समस्याओं को दूर करने के लिए बाग नाखी फूल और इसकी पत्तियों को सरसों के तेल में सिद्ध करके रख ले इस मिश्रण को हर रोज कांड में दो-दो बूंद डालने से कान के सभी प्रकार के रोग खत्म हो जाएंगे
सभी प्रकार के किडनी के रोग को ठीक करने के लिए बाघ नखी की जड़ को निकाल कर धूप में सुखा लें फिर इसका बारिक मिश्रण बना लें इस मिश्रण को रोज सुबह शाम एक या दो ग्राम की मात्रा में गुनगुने पानी के साथ लेने से किडनी की सारी समस्या जल्दी ठीक हो जाती है
बाघ नखी पौधे का ज्यादातर इस्तेमाल बिच्छू काटने पर किया जाता था इसीलिए इसका एक नाम बिच्छू बूटी भी रख दिया है बिच्छू काटने पर इसकी पत्तियों का पेस्ट बनाकर काटे हुए स्थान पर इसका लेप लगाने से 5 मिनट के अंदर जहर का असर का धीरे धीरे उतरने लगता है और दर्द और सूजन कम होने लगती है मगर इसकी ताजा पतिया आपको हर समय मिलेंगे नहीं इसीलिए इस के बीच को आपके पास रख लेना चाहिए और जब किसी को बिच्छू काटता इन फलों में एक पल को लेकर पानी के साथ पत्थर से खींच कर जो लिप निकलता है उसको काटे हुए बिच्छू के स्थान पर लगाने से जल्दी लाभ मिलता है और इसका जहर उतरने और दर्द और सूजन धीरे-धीरे कम होने लगता है
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